रविवार, 1 अप्रैल 2018
शुक्रवार, 16 मार्च 2018
सोमवार, 12 फ़रवरी 2018
संघर्ष गांव के एक लड़के की
" संघर्ष गांव के एक लड़के की " इस कहानी में बताया गया है कि गांव के एक लड़के ने किन-किन स्थितियों का सामना करते हुए अपने जीवन को पार किया है। इस कहानी में जिन-जिन घटनाओं को दर्शाया गया है वह घटना आपके दिल और दिमाग को छु जाएगी। यह कहानी शुरू होती है २५ जनवरी १९९० ई. से, जब इस लड़के का जन्म होता है। इनके माता-पिता इसे बहुत ही लाड-प्यार से पालते हैं धीरे धीरे लड़का बड़ा होने लगता है और पढ़ने के लिए विद्यालय जाने लगता है। जिस विद्यालय में वह पढ़ने के लिए जाता था उस विद्यालय का नाम " स्वामी विवेकानंद सरस्वती शिशु विद्या मंदिर " था।यह विद्यालय लड़के के गांव से १.५ किमी.दुर दुसरे गांव में था और छोटी सी उम्र में इतनी दुर रोज पैदल जाता था। इसकी मां इसे रोज नहलाकर , कपड़े पहनाकर, नास्ते में दो रोटी खिलाकर और लंच के लिए दो रोटी लंचबॉक्स में भरकर दे देती थी और फिर गांव के लड़कों के साथ पढ़ने के लिए भेज देती थी। १९९० ई. के दशक में इस विद्यालय का फीस २० से ३० रुपए था। इस विद्यालय में वह बहुत ही अच्छे से कक्षा-५ तक पढ़ाई की और किसी कारण से यह विद्यालय बंद हो गया। इस विद्यालय में लड़के का रेंक टॉप ५ के बीच रहता था। इसका रोज का दिनचर्या था- रोज सबेरे उठकर भगवान को, माता-पिता और चाचा को प्रणाम करना और फिर फ्रेस होकर पढ़ाई करना, पढ़ाई करने के बाद उसकी मां उसे विद्यालय के लिए तैयार करती, उसके बाद विद्यालय जाता था और विद्यालय से आकर भोजन खाकर कुछ देर टी.वी. देखना, उसके बाद शाम में खेलना, फिर रात में थोड़ी पढ़ाई करना और उसके बाद भोजन खाकर सो जाना। इस रोज के दिनचर्या को पुरा करने में उसकी मां और चाचा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। इनके चाचा काम था सबेरे उठाकर पढ़ाना और रात में भी पढ़ाना और सोते समय कहानी सुनाना। वह विद्यालय बंद होने के बाद दुसरे विद्यालय में प्रवेश किया और वहां वर्ग-६ से हिंदी माध्यम से पढ़ाई शुरू किया। इसका लक्ष्य था वैज्ञानिक बनना क्योंकि वह किसी भी वस्तु या घटनाओं के बारे में ध्यान से सुनता,देखता और सोचता था पर उसे वैज्ञानिक कैसे बनना है यह पता नहीं था। उसे कुछ नया सिखना बहुत ही पसंद था। वह लड़का इस विद्यालय में वर्ग-१० तक बहुत अच्छे से पढ़ाई की और हर वर्ष इस विद्यालय से खेल-कूद में २ से ३ पुरस्कार लाता था। जैसे- १०० मीटर दौड़, २०० मीटर दौड़ , उच्ची कूद, लम्बी कूद ।
रविवार, 7 जनवरी 2018
About Jharkhand. झारखंड के बारे में।
About Jharkhand. झारखंड के बारे में।
"झारखंड " भारत का 28 वां राज्य है। झारखंड की स्थापना 15 नवंबर 2000 को हुआ था। 15 नवंबर खास दिन है इस दिन महान पुरुष विरसा मुंडा का जन्म हुआ था ।झारखंड की राजधानी रांची है और उपराजधानी दुमका है।
झारखंड का प्रतीक चिन्ह चार J अक्षरों के बीच अशोक चक्र है। झारखंड का राष्ट्रीय पक्षी कोयल है, राष्ट्रीय फूल कमल है और राष्ट्रीय पशु हाथी है।
झारखंड के 24 जिलें हैं जिनके नाम- रांची, दुमका, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़, पलामू, देवघर, गिरीडीह, गुमला, सरायकेला, लातेहार, सिमडेगा, लातेहार, कोडरमा, चतरा, गोड्डा, गढ़वा, पाकुड़, खुंटी, जामताड़ा, साहेबगंज। इसका कुल क्षेत्रफल 79714 वर्ग किलोमीटर है। इस राज्य का विस्तार उत्तर से दक्षिण तक 380 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम तक 463 किलोमीटर है। राज्य का जलवायु उष्णकटिबंधीय है। इसका सबसे उच्ची पर्वत चोटी पारसनाथ है जिसकी ऊंचाई 1365 मीटर है।
झारखंड के 24 जिलें हैं जिनके नाम- रांची, दुमका, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़, पलामू, देवघर, गिरीडीह, गुमला, सरायकेला, लातेहार, सिमडेगा, लातेहार, कोडरमा, चतरा, गोड्डा, गढ़वा, पाकुड़, खुंटी, जामताड़ा, साहेबगंज। इसका कुल क्षेत्रफल 79714 वर्ग किलोमीटर है। इस राज्य का विस्तार उत्तर से दक्षिण तक 380 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम तक 463 किलोमीटर है। राज्य का जलवायु उष्णकटिबंधीय है। इसका सबसे उच्ची पर्वत चोटी पारसनाथ है जिसकी ऊंचाई 1365 मीटर है।
शुक्रवार, 5 जनवरी 2018
What is National animal of Jharkhand? झारखंड का राष्ट्रीय पशु क्या है?
What is National animal of Jharkhand? झारखंड का राष्ट्रीय पशु क्या है?
झारखंड का राष्ट्रीय पशु हाथी है। यह बहुत ही शांत स्वभाव और विशालकाय पशु है। यह पशु झारखंड के जंगलों में पाया जाता है। इसका
झारखंड का राष्ट्रीय पशु हाथी है। यह बहुत ही शांत स्वभाव और विशालकाय पशु है। यह पशु झारखंड के जंगलों में पाया जाता है। इसका
What is National bird of Jharkhand? झारखंड का राष्ट्रीय पक्षी क्या है?
What is National bird of Jharkhand? झारखंड का राष्ट्रीय पक्षी क्या है?
- झारखंड का राष्ट्रीय पक्षी कोयल है।
- इस पक्षी का रंग काला होता है और इसकी आवाज बहुत ही मधुर और मिट्ठा होता है।
- यह पक्षी ज्यादातर आम ( Mango ) के दिनों में दिखाई देता है इसका मतलब जिस समय आम के पेड़ों में आम फलने लगता है उसी समय ज्यादातर दिखाई देते हैं।
- लेकिन आज-कल यह पक्षी कम दिखाई देने लगा है और यह विलुप्त होने के कगार पर है।
What is National flower of Jharkhand? झारखंड का राष्ट्रीय फूल क्या है?
What is National flower of Jharkhand? झारखंड का राष्ट्रीय फूल क्या है?
- झारखंड का राष्ट्रीय फूल पलाश ( पराश ) है।
- पलाश का पेड़ झारखंड के सभी जिलों में पाया जाता है।
- पलाश का फूल लाल रंग का होता है और बहुत ही सुन्दर दिखता है।
- इस पेड़ के पत्ते गोल-गोल और बड़े-बडें होते हैं।
- यहां के जनजातीय लोग इस पेड़ के 5-6 पत्तों को एक-दूसरे के साथ जोड़ कर पत्तल ( थाली ) बनाकर उस पर भोजन परोस कर खाते हैं।
- यह पेड़ झारखंड का बहुत ही बहुमुल्य पेड़ है।
National flower of Jharkhand
National flower of Jharkhand
गुरुवार, 4 जनवरी 2018
How to make a simple bag/box of paper? Paper का थैला/डब्बा कैसे बनाते हैं?
How to make a simple bag/box of paper? Paper का थैला/डब्बा कैसै बनाते हैं।
आइए सिखते है कि paper का थैला कैसे बनता है-
1.सबसे पहले हम एक paper का टुकड़ा या paper एक page लेते हैं। Size आप अपने हिसाब से ले सकते हैं कि आप कितना बड़ा paper का बैग बनाना चाहते है उसके अनुसार आप size चुन सकते हैं।
2.अब paper को एक side से दुसरे side तक ले जाते हैं और फिर पहले side कि ओर थोड़ा सा पिछे खिसका कर पहला side मोड देते हैं चित्र-2 के अनुसार,
चित्र-2
3.अब paper का दुसरा side कुछ क्षेत्र ( area ) छोड़ कर पहला side मोड़ें थे, उस क्षेत्र पर गोद या आटा का चीट लगायेंगे और मोड़ देंगे। चित्र-3 के अनुसार,
चित्र-3
4.अब यह paper खाली सिलींडर के जैसा बन गया। चित्र-5 के अनुसार , paper को निचे से ऊपर की ओर मोड़ते हैं और फिर निचे तरफ के मुंह को खोले।
चित्र-5
5.अब चित्र-6 के अनुसार एक तरफ मोड़ते हैं फिर चित्र-7 के अनुसार दुसरी तरफ मोड़ते हैं।
चित्र-7
6. यह एक समांतर चतुर्भुज के जैसा बन गया। अब चित्र-8 और चित्र-9 के अनुसार ऊपर-नीचे के कोनों पर गोंद लगाते हैं।
चित्र-8
7.अब ऊपर-निचे कोनों को मोड़ते हैं चित्र-10 और चित्र-11के अनुसार,
चित्र-11
और थैला बनकर तैयार हो गया। अब ऊपर वाले side को खोलते हैं तो चित्र-12 के जैसा दिखेगा और अब इस पर कुछ भी छोटी वस्तु भर कर लें जा सकते हैं। इस तरह से हम plastic थैले का उपयोग कम कर सकते है कुछ हद तक plastic pollution को रोक सकते हैं।
चि-12
मेंने इसका video भी बनाया है आप इस video को निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देखिए।
यह box दुकानदारों के लिए बहुत ही बहुमुल्य है। इस box /bag को बनाने में ना ही ज्यादा मेहनत लगता है और ना ही ज्यादा खर्च होता है। जो पेपर आप रोज खरीदकर पढ़ते उसी से बना सकते और आप पेपर खरीदकर भी बना सकते हैं। पेपर ज्यादा महंगा नहीं मिलता है।बुधवार, 3 जनवरी 2018
What is National flower of India? भारत का राष्ट्रीय फूल क्या है?
What is National flower of India? भारत का राष्ट्रीय फूल क्या है ?
What is National bird of India? भारत का राष्ट्रीय पक्षी करता है?
- भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है।
- यह फूल भारत में तीन-चार प्रकार के और लाल, गुलाबी, सफेद इत्यादि रंगों में पायें जाते है।
- यह फूल पानी में पायें जाते है जैसे- तालाब, नदी, झील, झरना, इत्यादि।
- कमल फूल बहुत सुंदर दिखता है और इसका पत्ता पानी पर फैला हुआ रहता है।
- इसका पत्ता गोल और बड़ा होता है।
- यह फूल भारत के सभी राज्यों में पाया जाता है।
What is National bird of India? भारत का राष्ट्रीय पक्षी करता है?
भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है। मोर का पंख बहुत ही सुन्दर होता है इसके पंख पर बहुत सारी आंख जैसी बनावट होती है। यह पक्षी भारत के जंगलों और उद्यानों में पाया जाता है।
What is National animal of India? भारत का राष्ट्रीय जानवर क्या है?
भारत का राष्ट्रीय जानवर बाघ है। भारत में बाघ का रंग पीला-काला और सफेद-काला पाया गया है।
What is Blogger? Blogger क्या हैं।
What is Blogger? Blogger क्या हैं।
Blogger , blog शब्द से बना है। अब आप पूछेंगे कि blog क्या है। Blog उसे कहते हैं जिस पर कुछ लिख कर जैसे- कहानी, किसी वस्तु के बारे में , इत्यादि और उसे mobile या computer पर internet के माध्यम से upload करते हैं उसे blog कहा जाता है और blog को upload करने वाले को Blogger कहा जाता है।
Blog का मतलब पत्र, चिट्ठी होता है। Internet पर पत्र या चिट्ठी लिखकर Google पर upload करता है उसे Blogger कहा जाता
लोग Blogger क्यों बनना चाहते हैं ?
दुनियां में बहुत सारे लोग हैं जिन्हें लिखने की आदत है या लिखना चाहते है और उस लेख को दुनियां के साथ share करना चाहता है। इसीलिए लोग Blogger बनना चाहते हैं।
Blogger बनने के क्या-क्य फायदें
Blogger बनने के फायदें निम्नलिखित है -
2. आप इससे पैसे भी कमा सकते हैं।
लोग Blogger क्यों बनना चाहते हैं ?
दुनियां में बहुत सारे लोग हैं जिन्हें लिखने की आदत है या लिखना चाहते है और उस लेख को दुनियां के साथ share करना चाहता है। इसीलिए लोग Blogger बनना चाहते हैं।
Blogger बनने के क्या-क्य फायदें
Blogger बनने के फायदें निम्नलिखित है -
- अच्छी-अच्छी कहानियां, कविताएं या किसी वस्तु के बारे में लिखकर दुनियां के साथ share करते है और बहुत सारे लोग पढ़ते हैं तो आप पुरी दुनियां में नाम कमा सकते हैं ।
2. आप इससे पैसे भी कमा सकते हैं।
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